Saturday, March 20, 2021

905. प्रीत के रंग

होली का त्यौहार है

रंग से रंग लगा ले सजना,  रंगों का त्यौहार है
अंग से अंग मिला ले जाना, होली का त्यौहार है।

प्रीत का रंग गुलाबी देखो, चमक रही हरियाली,
गालों पे आ मल दूँ गोरी, पीला लाल गुलाबी।
होंठो पे मतवाली लाली, कजरा काली कटार है।
रंग से रंग...।

कोरे कागज़ जैसा तन-मन, खाली है मेरा जीवन,
प्रेम का रंग तू भर दे साजन, रंग दे मेरा अंतर्मन।
सागर की लहरों के जैसे, दिल में उठा ये ज्वार है।
रंग से रंग...।

होली रंग का खेल सजन, मन उमंग मेल सजन
रंग दूँ तेरी चोली चुनर, रंग दो मेरा सारा बदन।
भर लो अपने अंक सजन, आया मस्त बहार है।
रंग से रंग...।

©पंकज प्रियम

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