Sunday, August 20, 2023

964.राधे राधे कृष्णायण

राधे-राधे कृष्णायण, ....राधे-राधे कृष्णायण।
राधे-राधे कृष्णायण, ....राधे-राधे कृष्णायण।।
गोकुल बोले,  मथुरा बोले,... ..बोले वृंदावन।
राधे-राधे कृष्णायण, ....राधे-राधे कृष्णायण।।

नंद दुलारे कान्हा प्यारे...यशोदा आँख के तारे।
ग्वाल बाल संग गैया चराये, माखन में मन हारे।
यमुना तट पर बंशी बजाये, नाचे गोपियां सारी।
कृष्ण-कन्हैया रास रचाये,.... झूमे राधा प्यारी।
झूम-झूम के नाचे शंकर, नाचे ब्रज कण-कण
राधे-राधे कृष्णायण,.... राधे-राधे कृष्णायण।।

जन्म से कितने कष्ट सहे पर, किस्मत पे न रोये।
कर्म के पथ पर चलते हरदम, राह कभी न सोये।
प्रेम का पाठ पढ़ाया सबको, गीता ज्ञान सिखाया।
धर्म स्थापित करने को.... महाभारत युद्ध रचाया।
कुरुक्षेत्र का कण-कण बोले, बोले मन क्षण-क्षण।
राधे-राधे कृष्णायण, ........राधे राधे कृष्णायण।।

पूतना का संहार किया और कंस को जिसने मारा।
पांचाली की लाज बचायी, हर अबला को तारा।।
मीरा के हैं गिरधर नागर, ... सखा सुदामा श्याम।
बांकेबिहारी मुरलीमनोहर, ...जप लो राधेश्याम।।
कृष्ण के धुन पर सृष्टि डोले, डोले यह तन-मन।
राधे राधे कृष्णायण..... राधे राधे कृष्णायण।।
पंकज प्रियम

Sunday, August 13, 2023

963. भारत की पुकार

भारत की पुकार

जहाँ-जहाँ पे होगी खुदाई, वहीं पे मन्दिर निकलेगा।
मुगलों ने कुकर्म किया जो, राज वो सारा खोलेगा।।

गौरी, गजनी और बाबर ने जमकर भारत लूटा था,
आतंकी औरंगजेब के छल से अपना मन्दिर टूटा था।
जाग उठे हैं महाकाल अब, डम-डम डमरू बोलेगा।
मुगलों ने कुकर्म किया जो, राज वो सारा खोलेगा।।

बाबरी टूटा सजी अयोध्या, बन गया मन्दिर राम का,
काशी-मथुरा दिल्ली बाकी, बाकी घर घनश्याम का।
काले पन्ने फट जाएंगे, इतिहास यहाँ फिर बदलेगा।
मुगलों ने कुकर्म किया जो, राज वो सारे खोलेगा।।

युगों-युगों से करता प्रतीक्षा, नंदी बैठा अविचल है।
बाबा भोलेनाथ का दर्शन, मन में इच्छा प्रतिपल है।
ज्ञान का वापी निर्मल होगा, खुशी से नंदी डोलेगा,
मुगलों ने कुकर्म किया जो, राज वो सारा खोलेगा।।

स्वर्णिम भारत की गर्दन पे, चली मुगलिया तलवारें,
तुष्टीकरण की राजनीति में, सिसक रही थी दीवारें।
रक्त बहाया था पुरखो ने, खून नया अब खौलेगा, 
मुगलों ने कुकर्म किया जो, राज वो सारा खोलेगा।।

जाग-जाग हे भारतवंशी, जाग उठे अब विश्वनाथ,
छोड़ के मुरली कान्हा तुम भी, उठा सुदर्शन अपने हाथ।
यमुना दूषित करने वाले, कालिया का फन कुचलेगा।।
मुगलों ने कुकर्म किया जो, राज वो सारा खोलेगा।।

गंगा जमुनी करनेवालों, अब वक्त तुम्हारा आया है,
करो सत्य स्वीकार यही कि मन्दिर किसने ढाया है।
भाईचारा भाव दिखा कब, दाग वो सारे धोएगा?
मुगलों ने कुकर्म किया जो, राज वो सारा खोलेगा।।

जहाँ-जहाँ पे होगी खुदाई, वहीं पे मन्दिर निकलेगा।
मुगलों ने कुकर्म किया जो, राज वो सारा खोलेगा।।

कवि पंकज प्रियम

Friday, August 11, 2023

962.भारत को रोते देखा है

कुछ देखा है

फैशन के नवबिस्तर में अब हया-शर्म को सोते देखा है।
नए युग की अपसंस्कृतियों से भारत को रोते देखा है।

परपुरुष स्पर्श पर लंका जलते
चीरहरण पर महाभारत होते देखा है।
दुर्योधन की जंघा टूटते और 
दुःशासन लहू से सर धोते देखा है। 

हर नारी का सम्मान है साड़ी
औरत का अभिमान है साड़ी
नए युग का नया जमाना,
गैरों से अब क्या शर्माना?
जब से हुई आधुनिक नारी,
परपुरुष ही पहनाते साड़ी। 

काजल, मेंहदी, सोलह सिंगार,
गैर मर्दो से ही करवाती नार।
अतिआधुनिकता के चक्कर में
खुद से खुद अस्मत खोते देखा है।
जिमट्रेनर, टैटू और पार्लर में
गैरों के आगे खुद नँगा होते देखा है। 

आज भी पूजा अनुष्ठानों में
यज्ञ हवन संस्कारों में
किसी औरत को टीका
कभी पण्डित नहीं लगाते हैं।
लेकिन देखो नया जमाना
खुद घर की इज्जत को 
अब गैरों के हाथ थमाते हैं।

देखो-देखो-देखो
घर-घर लुटती अस्मत देखो
रील पे अधनंगी औरत देखो
दंगाई और भीड़ के हाथों
होती नंगी किस्मत देखो।

विकास को अपने कांधे संस्कृति का शव ढोते देखा है।
फैशन के नवबिस्तर में अब हया-शर्म को सोते देखा है।
नए युग की अपसंस्कृतियों से भारत को रोते देखा है।
कवि पंकज प्रियम
11.08.2023

Wednesday, August 9, 2023

961.मेरा प्यारा वतन

मेरा प्यारा वतन

सारे जग से सुंदर अपना, .........भारत देश रतन।
मेरा प्यारा वतन, ...................मेरा प्यारा वतन।

उत्तर खड़ा हिमायल प्रहरी, ...दक्षिण गहरा सागर।
पूरब में अरुणाचल आभा, पश्चिम गुजराती गौहर।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक, खुशबू बिखेरे चमन।
मेरा प्यारा वतन......................मेरा प्यारा वतन।

धानी चुनर ओढ़ी धरती, ......आँचल यमुना- गंगा।
हिन्द महासागर पांव पखारे, ....शोभे भाल तिरंगा।
सीमा पर शूरवीर खड़े हैं......... सर पे बांध कफ़न।
मेरा प्यारा वतन,.....................मेरा प्यारा वतन।

राम कृष्ण की पावन भूमि, .......महावीर तथागत। 
सत्य अहिंसा पाठ पढ़ाता, .......विश्वगुरु है भारत।
वीरों की इस धरती को............करता विश्व नमन।
मेरा प्यारा वतन......................मेरा प्यारा वतन।

भाँति-भाँति लोग यहाँ के........भिन्न-भिन्न है भाषा।
अनेकता में एकता बल है.......भारत की परिभाषा।
बाल न बांका कर पाया कोई..कर के लाख जतन।।
मेरा प्यारा वतन......................मेरा प्यारा वतन।

वसुधैव कुटुंब की नीति,...........रखते सबसे प्रीति।
दुश्मन को भी प्रेम सिखाना...अपनी अलग है रीति।
रंग सुनहरी धरती न्यारी,......... नीला सारा गगन।
मेरा प्यारा वतन......................मेरा प्यारा वतन।

सारे जग से सुंदर अपना, .........भारत देश रतन।
मेरा प्यारा वतन, ...................मेरा प्यारा वतन।

पंकज प्रियम