Monday, October 3, 2022

947.मन के राम

जगाना तुम जिसे चाहो, वही बाहर निकलता है।
हृदय में राम बसते तो, वहीं रावण भी पलता है।
अगर श्रीराम सा जो तुम, हृदय में धैर्य धारण कर-
छुपा अंदर तेरा रावण, स्वयं बाहर में जलता है।।
कवि पंकज प्रियम 

बाहर के रावण से पहले अंदर के रावण का दहन करें।