तेरी हरचाल ही जानी पहचानी है बहुत।
तुम्हारे दिल में ही छुपी कहानी है बहुत।
बनके अनजान करती नादानी है बहुत।
तेरी जिंदगी में बिखरी परेशानी है बहुत।
तुझे अपनी भी कहानी,सुनानी है बहुत।
मेरे दिल में जख़्म की निशानी है बहुत।
इन आँखों ने यहाँ देखी,जवानी है बहुत।
मेरी कहानी की दुनियां दीवानी है बहुत।
©पंकज प्रियम
31.5.2018