Monday, November 27, 2023

977.सच्चा प्यार

तन-मन के इस मोह में, भूल गया संसार। 
क्या होती है प्रीत रे..क्या होता है है प्यार?

पाने को ही सब कहे, पाया सच्चा प्यार। 
प्रेम तो पाना है नहीं,.खोना नदिया धार।।

प्रेम की धुरी कृष्ण तो ,    राधा है विस्तार।
कान्हा सृष्टि है अगर,.... राधा है आधार।।

प्रेम दरस जो चाहिए, ..जाओ यमुना पार ।
यमुना तट घट-घट कहे, राधा माधव प्यार।।

प्रेम समझना हो अगर, भज लो राधेश्याम।
वृंदावन कण-कण जपे,     राधे-राधे नाम।।

कवि पंकज प्रियम 

Sunday, November 5, 2023

975.छठ गीत

कार्तिक मास छठी के बरतिया, महिमा अगम अपार।
कर जोड़ विनती करूँ छठी मैया, मैया कर बेड़ा पार। 

अंतरा1
जोड़े-जोड़े नारियल-नेमुआ, ठेकुआ-फल-पकवान। 
धूप-दीप दौरा-सुप साजे, लेकर आये फूल पान।।
बांस के बहंगिया सजाये, अइली मैया तोरे द्वार।
कर जोड़ विनती करूँ छठी मैया, मैया कर बेड़ा पार।

अंतरा 2
उगहो आदित्य देव जल्दी, जल्दी दरस दिखाय।
घर-बार पूत परिवार, होइह सबपर सहाय। -2
भास्कर भुवन सुरूज देव, तोहरे कृपा से संसार।
कर जोड़ विनती करूँ छठी मैया, मैया कर बेड़ा पार। 
सुरूज कर बेड़ा पार। 

कार्तिक मास छठी के बरतिया, महिमा अगम अपार।
कर जोड़ विनती करूँ छठी मैया, मैया कर बेड़ा पार। 












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