Tuesday, December 11, 2018

472.प्यार किया होता

मुक्तक/किया होता

कभी खुद पे भी भरोसा किया होता
कभी मुझ पे भी भरोसा किया होता
मुहब्बत हो जाती, यकीनन तुझको
कभी उस पे ना भरोसा किया होता।

कभी मुझसे प्यार तो किया होता
कभी मुझसे इक़रार तो किया होता
रख देता चाँद, तेरे कदमों के तले,
कभी मुझसे इज़हार तो किया होता।

©पंकज प्रियम