रंगों से परहेज किसे है, बोलो मेरे यार।
रंग बिना क्या धरती-अम्बर, रंग बिना संसार?
जोगीरा सा रा रा रा
रंगों से ही सजा हुआ है, यहाँ सकल संसार।
रंग बिना बेरंग है कितने, जीवन के दिन चार।
जोगीरा सा रा रा रा
झगड़ा-झंझट काहे करते, काहे करते रार?
मिलकर सारे रंग लगाओ, रंगों का त्यौहार।
जोगीरा सा रा रा रा
पङ्कज प्रियम