जीवन का उद्देश्य
हर किसी का होता यहां
जीवन का उद्देश्य अलग
कोई भीड़ में खुश होता
कोई रहता अलग थलग।
कोई जीवन को ढोता है
कोई हर पल को जीता है।
ये उद्देश्य नहीं जीवन का
निरुद्देश्य भटकते मरता है।
खुद के लिए तो मरते सभी
औरों के लिए जियो कभी।
सच में बड़ा सुकून आएगा
जीवन सफल हो जाएगा।
खुशियां गर दे सकते नहीं
किसी के दर्द से मिल आओ
थोड़ी सी मुस्कान देकर
किसी चेहरे में खिल जाओ।
एक शख्स को खुशी देकर
तेरा अक्स यूँ खिल जाएगा।
किसी और जीवन में तुझे
जीने का उद्देश्य मिल जाएगा।
©पंकज प्रियम
10.6.2018