Sunday, September 20, 2020

877.तेरी यादें


तेरा चेहरा तेरी आँखे, तेरी धड़कन तेरी साँसे।
सताती है मुझे हरपल, तुम्हारे संग की यादें।।
तेरा चेहरा मेरी आँखें, मेरी धड़कन तेरी साँसे।
जगाती है मुझे हरपल, तुम्हारे संग की रातें।।

तुम्हारी याद जब आती, मुझे बैचेन कर जाती।
तरसकर ये मेरी नैना,यहाँ अश्कों से भर जाती
रुलाती है मुझे हरपल, विरह जो वेदना जागे।
तेरा चेहरा तेरी आँखे, तेरी धड़कन तेरी साँसे।

धड़कती है मेरी धड़कन, तू जब जब साँस लेती है।
तड़प उठता है दिल मेरा,तू जब जब आह भरती है।
सताती है मुझे पलपल, तुम्हारे प्यार की बातें।
तेरा चेहरा तेरी आँखे, तेरी धड़कन तेरी साँसे।।

सज़ा मेरी सुना देना, ख़ता कर लूँ मगर पहले,
जमाना छोड़ क्या देगा, सजा दे दो अगर पहले।
जमाना तोड़ क्या सकता, मुहब्बत से जुड़े नाते।
तेरा चेहरा तेरी आँखे, तेरी धड़कन तेरी साँसे।।

गुलाबी धूप के जैसी, जवानी रूप के जैसी।
नहीं कोई यहाँ होगी, मेरे महबूब के जैसी।
बहकते है कदम मेरे, करे मदहोश जो आँखें।
तेरा चेहरा तेरी आँखे, तेरी धड़कन तेरी साँसे।

नयन मदिरा भरी प्याली, अधर में आग सी लाली।
गुलाबी गाल को छूती, लटकती कान की बाली।
गुजर जाता है दिन लेकिन, गुजरती है नहीं रातें।
तेरा चेहरा तेरी आँखे, तेरी धड़कन तेरी साँसे।।
पंकज प्रियम