तेल का खेल
सौ के पार पेट्रोल है,
डीजल भी नब्बे पर,
बढ़ी सब कीमतों से,
मचा हाहाकार है।
तेल के ये खेल देखो,
कर का ये मेल देखो,
कच्चा तेल तीस पर,
पक्का सौ के पार है।
केंद्र और राज्य कर,
कैसे दोनों मिलकर,
कर रही जनता पे,
दोहरा प्रहार है।
तेल हुआ महंगा तो,
बढ़ गयी महंगाई,
सारा बोझ सर लिये
जनता लाचार है।