Friday, April 23, 2021

912.बजरंगी अंदर है

*जो हार गया मन तो दिखता, अगम अपार समंदर है,*
*दुर्गम दावानल दिखता है, पग-पग खूब बवंडर है।*
*मुश्किल तो हरपल आएंगे, लेकिन समझो ताकत को-*
*जो ठान लिया सीता खोजन, तो बजरंगी अंदर है।*
©पंकज प्रियम
संकटमोचन बजरंगी हनुमान की जय