Friday, August 6, 2021

925.सोहन लाल द्विवेदी

सोहनलाल द्विवेदी

गाँधी सम्बल बने सदा, देश युग अवतार थे।
भैरवी के वंदना स्वर, ओज के हथियार थे।।
गाँधी दांडी यात्रा में, लाल ही ललकारते।
स्वाधीनता संग्राम में, शब्द  सैनिक सार थे।।

क्रान्ति के हर वाद को जन, मन की वाणी कर दिया।
गांधीवादी धारा को,  राष्ट्रधुन से भर दिया।
देशभक्ति भावना भर , बालमन उद्गार थे।। 
भैरवी के वंदना स्वर/-

पद्मश्री सम्मान भूषित, राष्ट्र के वो भाल थे।
वो द्विवेदी बिन्दकी के, प्यारे सोहन लाल थे।
राष्ट्रकवि पहचान पहले, वीरता  रसधार थे।।
भैरवी के वंदना स्वर/-
*©पंकज प्रियम*

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