Saturday, December 10, 2022

949.ब्राह्मण

सूर्य अंश से उपजे हमसब, सूर्य समान प्रतापी हैं।
श्रेष्ठ धरा में जन्मे हम सब, ब्राह्मण सर्वव्यापी हैं।
हमें गर्व है संस्कारों पर, भारत-भू बलिदानों पर-
धर्म ध्वजा को धारण कर के, हमने दुनिया नापी है।।
पंकज प्रियम

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