Tuesday, December 10, 2019

739. मैंने

मैंने

दुआओं को जिया मैंने, दवाओं को पिया मैंने,
जख़्म जो भी दिये तूने, मुहब्बत से सिया मैंने।
ग़ज़ल कविता कहानी में, सभी ज़ख्मो निशानी में
तुम्हारा नाम लिखकर के, तुझे चाहत दिया मैंने।।

©पंकज प्रियम
10.12.2019