Saturday, December 8, 2018

466.बचपन

हंसी लड़कपन के हसीन
वो_मीठे_मीठे_पल
याद है बचपन के
वो गुजरे हुए सारे कल।

न चेहरे पे चिंता कोई
न माथे पे शिकन
हंसी-खुशी गुजरे थे
बचपन के सारे पल।

माँ की गोदी में होती,
तब सारी जन्नत जहां
नानी की लोरी में होती
तब सारी मन्नत जहाँ।

नाम शोहरत की अब
है बड़ी दुनियाँ जहाँ
सुकून बचपन का अब
है यहाँ मिलता कहाँ?

©पंकज प्रियम