निर्वाचन का मौसम, नेताजी करे शोर।
घर-घर जाकर वोटवा, मांगे हाथ जोर।
वोटवा हमीं को देना, देना रे भईया।
फिर तो दिखा देंगे, ता ता थईया।
इस वोटवा के चलते, करेंगे क्या क्या और
घर-घर जाकर वोटवा, मांगे हाथ जोर।
नेतवा करे क्या जाने, सबको इशारा।
ले लो तू रुपया-पैसा, पर कर न किनारा।
अर्जी है हमारी, हो जाना हमरी ओर।
घर-घर जाकर वोटवा, मांगे हाथ जोर।
इसबार हमको भैया, भेज दो संसदवा
हम तो मिटाइये देंगे, देश से गरीबवा।
पाकर कुर्सी हम तो, न आएं इस ओर।
घर-घर जाकर वोटवा, मांगे हाथ जोर।
पंकज प्रियम
2 फरवरी 2004
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