Thursday, March 7, 2019

535.बसन्ती चुनरिया

बसंत/खोरठा गीत

चले लागल हावा कइसन उड़े रे चुनरिया।
होलिया  के गीत अइसन लागे रे गुजरिया।

अम्बवा मंजेर गेलेय, फुयल गेलेय पलसवा।
होलिया के रंग से रंग, भैयर गेलेय कलशवा।
बड़ी सुंदर हवा चले, आय गेलेय फगुनवा ।
रंग-बिरंग फूल खिलल, झूमय मोरा मनवा।
अइले जे बसन्त ऋतु, बहकल सब उमरिया।
होलिया के गीत...।

बड़ी सुंदर गोर-गोर, फूलल हो सहजनवा।
डारे -डारे फैर गेलेय, बड़ी बेस कटहलवा।
गली- गली बाजे लागल, ढोलवा-मंजीरवा।
धूल संगे उड़े लागल, रंग बिरंग अबीरवा।
चम चम चमके नैना, जईसन की बिजुरिया।
होलिया के गीत....।

गोरे गोरे गोर गौरिया फूलल तोर गलवा
आय लगाय दियो लाल पीयर गुललवा।
भौजी संग नाचै, देखीं बुढ़वा देवरवा
साली संगे डूबे जीजा भरल रंग टबवा।
छोडबो नाय तोरा , चाहे तोय दे गरिया।
होलिया के गीत...।

राधा के रंग मारे, कान्हा पिचकारिया
भींगे तोर चोली गोरी भींगे तोर चुनरिया
तोय हमर गोर गोरिया हम तोर साँवरिया
होलिया के गीत अइसन गाहीं रे गुजरिया।

चले लागल हावा कइसन ,उड़े रे चुनरिया
होलिया के गीत जइसन, लागे रे गुजरिया।
©पंकज प्रियम

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