*कोरोना 2.0*
कोरोना का बाप आया,
उससे भी टॉप आया,
ब्रिटेन को नाप कर,
सबको डराया है।
बंद किया दरवाजा,
रोक दी है आवाजाही,
कोरोना का नवतार
सेंसेक्स गिराया है।
कोरोना था घट रहा,
दुःख दर्द मिट रहा,
सोच लिया सबने कि
कोरोना हराया है।
खौफ़ में था गुजरा ये,
साल बीस विष सा ये,
नये साल सपनों पे,
पानी ही फिराया है।
*©पंकज प्रियम*
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