Wednesday, December 23, 2020

901. दिल की बात

दिल की बात

करूँ मैं बात दिल की क्या, अधूरी छूट जाएगी,
इसी शिकवा शिकायत में, जरूरी छूट जाएगी।
गिला तुझसे नहीं कुछ भी, मगर जो दर्द है दिल में-
कहा उसको नहीं तो फिर, ये पूरी छूट जाएगी।।
©पंकज प्रियम

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