Saturday, May 21, 2022

942. प्रतीक्षा

राम ने वर्षो कर ली प्रतीक्षा, कृष्ण पे देरी मत करना।
तारीखों के घनचक्कर की, अब कोई फेरी मत करना।
जनता की चप्पल घिस जाती, न्याय की चौखट में आते-
महादेव हैं ताण्डव करते, घर उनके अँधेरी मत करना।।
कवि पंकज प्रियम

1 comment:

Anupama Tripathi said...

गागर में सागर ,सुंदर |