Saturday, June 27, 2020

851. माँ तुझे सलाम

माँ तुझे सलाम

पहली बात तो      डरते नहीं हम,
दूसरी गलती       करते नहीं हम।
बांध कफ़न सर,    चलते हम पर-
दुश्मन हाथों ,      मरते नहीं हम।।

जीवन अपना, हर दिन हर शाम,
हरपल खुद से ही है खुद संग्राम।
तेरी चरणों में सर झुकता करता-
बस तुझे सलाम, माँ तुझे सलाम।।
©पंकज प्रियम
#साहित्योदय_साहित्य_संग्राम- माँ तुझे सलाम।
कवि पंकज प्रियम
Sahityoday
साहित्योदय- अंतर्राष्ट्रीय साहित्य-कला संगम

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