Sunday, October 17, 2021

928. अजब झारखण्ड की गजब कहानी

 अजब झारखण्ड की गजब कहानी

व्यंग्य संस्मरण


पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की जीते जी शोकसभा 

*इससे पहले 2007 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मधुकोड़ा ने सोनिया गाँधी को दी थी श्रद्धाजंलि


खेल-खिलाड़ी और खनिज संसाधनों से परिपूर्ण झारखंड का सियासी गलियारा भी हमेशा चर्चा में रहता है। सियासी पिच पर हमेशा चौके-छक्के लगते रहते हैं। सरकार गिराने से लेकर बनाने और घोटाले घपलों की अमर कहानी तक। आये दिन कुछ ऐसा हो जाता है कि झारखंड दुनियाभर में चर्चा का केंद्र बन जाता है। ताज़ा मामला पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को जीते जी श्रद्धाजंलि और शोकसभा करने का है। झारखण्ड सरकार के कला संस्कृति मंत्री हफीजुल हसन ने एक जनसभा में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की जीते जी शोकसभा करवा दी। मधुपुर से पिता हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद उनकी जगह पर मनोनीत मंत्री हफीजुल हसन ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि एक दुख की।ख़बर है पूर्व मनमोहन सिंह का निधन हो गया है इसलिए सभी 1 मिनट का मौन रखकर शोकसभा करें। गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री का दिल्ली स्थित एम्स में इलाज़ चल रहा है। हफीजुल हसन मधुपुर उपचुनाव में निर्वाचित होकर विधायक बन चुके हैं। इनके पिता हाजी हुसैन अंसारी का झारखंड सरकार में मंत्री रहते हुए निधन हो गया था। झारखंड में कॉंग्रेस-झामुमो गठबंधन की सरकार है और हफीजुल झामुमो कोटे से मंत्री हैं।

 

इससे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री मधुकोड़ा ने सोनिया गांधी को श्रद्धाजंलि दे दी थी। उसवक्त मैं ईटीवी राँची में कार्यरत था। 30 अक्टूबर 2007 को राँची स्थित कॉंग्रेस प्रदेश कार्यालय में इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर शोकसभा आयोजित थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री मधुकोड़ा श्रद्धांजलि देने पहुँचे और संयोग कवर करने सिर्फ मैं ही था। बाहर निकलते ही मैंने गनमाइक लगा दिया। मधुकोड़ा ने जो बयान दिया उससे मैं चौंक गया-उनके शब्द यूँ थे-माननीया सोनिया गांधी ने इस देश की ख़ातिर अपने सीने पर गोलियां खायी है। आज सोनिया गांधी की शहादत दिवस  है। हम सोनिया गाँधी जी को श्रद्धांजलि देते हैं।"

एकबार ज़ुबान फिसल सकती है लेकिन उन्होंने बार-बार इंदिरा की जगह सोनिया का ही नाम लिया। बस फिर क्या था। मैं भागा अपने ऑफिस और ब्रेकिंग न्यूज़- "मुख्यमंत्री मधुकोड़ा ने दी सोनिया गाँधी को जीते जी श्रद्धांजलि".

उसदिन सिर्फ यही ख़बर चलती रही।  सीएम हाउस हरकत में आ चुका था और ईटीवी का प्रसारण रुकवा दिया। लेकिन तबतक ख़बर की आग लग चुकी थी।सभी नेशनल इंटरनेशनल चैनलों से उस फुटेज की मांग होनै लगी।रात के 2 बजे तक मैं सारे चैनलों को वह फुटेज ट्रांसफर करता रहा। उसवक्त व्हाट्सएप या वीडियो ट्रांसफर की सुविधा नहीं थी। फायरवायर से कैमरा-टू-कैमरा वीडियो ट्रांसफ़र करना पड़ता था। उसवक्त कॉंग्रेस समर्थित सरकार थी। ख़बर ने असर दिखाया और  सूत्रों की मानें तो 10 जनपथ से मधुकोड़ा को माफ़ी मांगने का फरमान सुना दिया गया था। बाद में शायद माफ़ी माँगकर मामला सुलझाया गया। 


ख़ैर झारखण्ड की अपनी अलग खूबसूरती है तो हर चीज एक अलग अंदाज़ में होना भी चाहिए। बस बोलना ही है गीत जहाँ बस चलना ही है नृत्य वहाँ सियासी मैदान में झकझुमर तो बनता ही है। 

जोहार झारखंड

कवि पंकज प्रियम

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