मुक्तक
विषय-अस्मत
तिथि-11 जून 2019
वार-मंगलवार
1222 1222 , 1222 1222
नहीं अर्जुन नहीं माधव, नहीं अब राम आएंगे,
तुम्हें खुद को बचाना है, न कोई काम आएंगे।
अगर #अस्मत बचानी है, जमाने के दरिंदों से-
बनो चण्डी बनो काली, कभी ना पास आएंगे।।
©पंकज प्रियम
गिरिडीह, झारखंड
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