Friday, June 28, 2019

587.विश्वास

विश्वास
अगर विश्वास हो जाये तो तिनका भी सहारा है,
भरोसा हो अगर खुद पे, लहरों में किनारा है।
भरोसा टूट जो जाता, कभी विश्वास ना होता-
अगर विश्वास ना हो तो, खुदा भी ना सहारा है।
©पंकज प्रियम

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