विश्वास
यह वक्त गुजर जाएगा पर,
रह जाएगा इतिहास तुम्हारा।
आपदा के अवसर वालों,
होगा बस उपहास तुम्हारा।।
दवा-हवा को बेच के बेशक,
कर लोगे जमा धनदौलत।
हाय लगेगी लोगों की तो,
समझ ले होगा नाश तुम्हारा।
जेब कफ़न में होती नहीं है,
बोझ धरा भी ढोती नहीं है।
कहाँ रखोगे काली कमाई,
मारेगा खुद संत्रास तुम्हारा।
वक्त अभी है सेवा कर लो,
कर्मो की तुम मेवा भर लो।
देकर साँसे भर दो जीवन
जग में हो प्रकाश तुम्हारा।
खुद के लिए सब मरते रहते,
मौत से हरपल डरते रहते।
औरों के लिए जब जी लोगे,
बढ़ जाएगा विश्वास तुम्हारा।
पेड़ लगाओ हवा मिलेगी,
मुफ्त में सारी दवा मिलेगी।
काटोगे जो पेड़ समझना,
होगा सत्यानाश तुम्हारा।
©पंकज प्रियम
No comments:
Post a Comment