Sunday, December 17, 2023

981.समय

समय के साथ स्वयं को तो, बदलना भी जरुरी है।
बदल जाये समय, पहले, सम्भलना भी जरूरी है।
विधाता ने लिखा है जो, बदल उसको नहीं सकते-
मगर किस्मत बदलने को, निकलना भी जरूरी है।।
कवि पंकज प्रियम 

1 comment:

Admin said...

सच में, वक्त के साथ अगर खुद को ना बदले तो पीछे छूट जाना तय है। सबसे ज़्यादा पसंद आई मुझे वो बात कि “किस्मत बदलने को निकलना भी जरूरी है”। बिलकुल सही बात है की बैठकर सिर्फ किस्मत को कोसने से कुछ नहीं होता, कुछ करना भी पड़ता है। हम अक्सर सोचते रहते हैं कि सब खुद-ब-खुद बदल जाएगा, लेकिन आपने एकदम साफ बता दिया कि बदलाव की शुरुआत खुद से करनी पड़ती है।