क्या लिखू मैं.......
एक अरसा हो गया
जब कुछ लिखा था
जिंदगी की आपाधापी में
खो गया कुछ ऐसा
न अपना होश रहा
न खबर रही दुनिया की
ब्रेकिंग न्यूज़ की जहाँ में
यू उलझ गया..पूछो मत
विसुअल और दो बाईट
शब्दों की हेराफेरी
इसी में सिमटी दुनियादारी
किबोर्ड की खटपट में
खो गयी लेखनी हमारी
दिनभर की दौड़ में
कितना दर्द है क्या कहूँ मैं ..
मर गयी रचना हमारी
कैसे वो जख्म दिखाऊ मैं
अपनी कहानी.अपना फ़साना ..
कैसे और क्या लिखू मैं ....?
एक अरसा हो गया
जब कुछ लिखा था
जिंदगी की आपाधापी में
खो गया कुछ ऐसा
न अपना होश रहा
न खबर रही दुनिया की
ब्रेकिंग न्यूज़ की जहाँ में
यू उलझ गया..पूछो मत
विसुअल और दो बाईट
शब्दों की हेराफेरी
इसी में सिमटी दुनियादारी
किबोर्ड की खटपट में
खो गयी लेखनी हमारी
दिनभर की दौड़ में
कितना दर्द है क्या कहूँ मैं ..
मर गयी रचना हमारी
कैसे वो जख्म दिखाऊ मैं
अपनी कहानी.अपना फ़साना ..
कैसे और क्या लिखू मैं ....?
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