समंदर हूँ मैं लफ़्ज़ों का, मुझे खामोश रहने दो, छुपा है इश्क़ का दरिया, उसे खामोश बहने दो। नहीं मशहूर की चाहत, नहीं चाहूँ धनो दौलत- मुसाफ़िर अल्फ़ाज़ों का, मुझे खामोश चलने दो। ©पंकज प्रियम
मौत पे सियासत मासूमों की मौत पर, नहीं सियासत कभी करो, लापरवाही जिसने की, दण्डित उसको अभी करो। क्या हुआ कैसे हुआ? जाँच इसे तुम कर लेना- अब बच्चों की मौत न हो, वह उपाय सभी करो।। ©पंकज प्रियम 1.1.2020 # कोटा राजस्थान अस्पताल में 99 बच्चों की मौत
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