कौन आएगा?
खुद से रूठे तो मनाने कौन आएगा
खुद न उठे तो जगाने कौन आएगा।
खुद न उठे तो जगाने कौन आएगा।
चाहत की खुशबू से ही महका लेना
मुहब्बत से घर सजाने कौन आएगा।
मुहब्बत से घर सजाने कौन आएगा।
बेफिक्र होकर दरवाजा खोल रखना
इस उम्र में दिल चुराने कौन आएगा।
इस उम्र में दिल चुराने कौन आएगा।
खुद से ही दिल को तसल्ली दे लेना
हाल दिलों का सुनाने कौन आएगा।
हाल दिलों का सुनाने कौन आएगा।
मेरी यादों से ही,तुम ख़्वाब बसा लेना
इसके सिवा घर, बसाने कौन आएगा।
इसके सिवा घर, बसाने कौन आएगा।
बहते अश्कों को तुम मोती बना लेना
अब दर्द में आँसू बहाने कौन आएगा।
अब दर्द में आँसू बहाने कौन आएगा।
दिल के जख़्म को अंदर ही छुपा लेना
अब उसमें मरहम लगाने कौन आएगा।
अब उसमें मरहम लगाने कौन आएगा।
आंखों में ही तुम अब रात बिता लेना
सुनाकर लोरियाँ,सुलाने कौन आएगा।
सुनाकर लोरियाँ,सुलाने कौन आएगा।
खुद से ही सारे रिश्ते तुम निभा लेना
प्रियम से रिश्ते,निभाने कौन आएगा।
प्रियम से रिश्ते,निभाने कौन आएगा।
©पंकज प्रियम
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