Monday, June 18, 2018

365.काश!

तेरे ख्वाबों में हम खोते
तेरी आँखों में हम सोते
आज के न हम यूँ रोते
काश! के तुम मेरे होते-2

हम तुम दोनों घर बनाते
चाँद सितारों से सजाते
आज के न हम दो होते
काश! के तुम मेरे होते।-2

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