Tuesday, September 1, 2020

870. अनमोल ज़िन्दगी

 लॉकडाउन ज़िन्दगी है, जरा खुद को सम्भालो,

अवसाद में जो डूब रहे, ........उनको निकालो।

ये काल कोरोना भी, गुजर जाएगा एक दिन-

अनमोल ज़िन्दगी है,     जरा इसको बचा लो।।


अनमोल जिन्दगी है, जरा इसको बचा लो,

खुशियों का खाद पानी यहाँ रोज ही डालो।

ठोकर भरी राहों में,  यहाँ रोज है चलना-

पग-पग में बिछे काँटे यहाँ खुद को सम्भालो।

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