लॉकडाउन ज़िन्दगी है, जरा खुद को सम्भालो,
अवसाद में जो डूब रहे, ........उनको निकालो।
ये काल कोरोना भी, गुजर जाएगा एक दिन-
अनमोल ज़िन्दगी है, जरा इसको बचा लो।।
अनमोल जिन्दगी है, जरा इसको बचा लो,
खुशियों का खाद पानी यहाँ रोज ही डालो।
ठोकर भरी राहों में, यहाँ रोज है चलना-
पग-पग में बिछे काँटे यहाँ खुद को सम्भालो।
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