Wednesday, September 23, 2020

879 - समर शेष है तेरा भारत

 समर शेष है अब भी भारत 

 युध्द तुझे फिर लड़ना होगा.

सजा अभी कुरुक्षेत्र यहाँ तो

रण में आगे बढ़ना होगा।1


जरूरत फिर से वीरों की है

धार तेज शमशीरों की है।

सोने की चिड़िया बनकर 

आसमान में उड़ना होगा . 2


कण-कण तेरा है चन्दन 

जनगण करता है वन्दन.

विश्वगुरु बनने की खातिर 

चाँद पे फिर चढना होगा. 3


नहीं अबला सा कर क्रंदन 

कर मत वन्दन सिंहासन.  

जनमानस की पीड़ा लिख 

इतिहास नवीन गढ़ना होगा. 4


बस चरण वंदना धर्म नहीं,

कुछ भाव व्यंजना कर्म नहीं . 

मन का तमस मिटाने को 

साहित्य सदा पढना होगा।5

पग-पग शकुनी पाशा फेंके,

भीष्म द्रोण भी तमाशा देखे .

द्रौपदियो की अस्मत ढंकने 

सखा कृष्ण सा बनना होगा. 6


घडा भरा हँ पाप यहाँ पर,

घर-घर है संताप यहाँ पर. 

धर्म का कुरुक्षेत्र सजाकर

महाभारत फिर करना होगा. 7 


दुश्मन को मार भगाने को 

सोयी सरकार जगाने को 

खाली करने को सिंहासन 

हुँकार दिनकर भरना होगा. 8


समर शेष है तेरा भारत 

संघर्ष तुझे फिर करना होगा. 

जनगण की आवाज़ उठा के 

दर्द सभी का हरना होगा . 9

पंकज प्रियम 

23 सितम्बर 2020



 

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