Sunday, September 20, 2020

878.थाली में छेद

थाली में छेद
खाकर जिसने छेद किया है, अपने देश की थाली में।
पकड़ के उसको आओ डालें, सड़ती गंदी नाली में।।

रोटी खाये हिंदुस्तानी, नारा लगाए पाकिस्तान।
अपने देश को गाली देता, दुश्मन की करता गुणगान।
माफ़ नहीं तुम उसको करना, भारत को जो गाली दे-
पकड़ के उसको---

बात सहिष्णुता की करता, खुद चलवाता बुलडोजर।
देशविरोधी नारों पर तो, मुँह सील जाता है अक्सर।।
खुद पे जब हो प्रश्न खड़े तो, औकात दिखाते गाली में।
पकड़ के उसको--

नफ़रत की जो आग लगाये, देश नहीं है यह उनका,
दुश्मन की बोली जो बोले, देश नहीं है यह उनका।
घर में छुपे सब गद्दारों को लटकाएं आओ फाँसी पे।।

©पंकज प्रियम

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