Friday, November 2, 2018

463.गुजारिश

मुक्तक .गुज़ारिश

गुजारिश है मेरे दिल की,कभी तुम दूर ना करना
गुजारिश है मेरे मन की,कभी मजबूर ना करना
मैं तेरा प्रेम हूँ दिलवर हूँ, तू मेरी हर ख़्वाहिश है
मुहब्बत के सफ़र में तुम,कभी मग़रूर ना करना।

©पंकज प्रियम

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