Saturday, January 19, 2019

508.बदल जाएगा

मौसम बदल जाएगा
कदम तो यूँ ही फिसल जाएगा
हुश्न का जादू जो चल जाएगा।
देखो न इस कदर तुम अब मुझे
नादां ये दिल मेरा मचल जाएगा।
लहराओ न जुल्फों को इस कदर
तुझे देखके मौसम बदल जाएगा।
हुश्न का जलवा गर तुमने बिखेरा
पत्थर भी मोम सा पिघल जाएगा।
एक हसीन ख़्वाब सी है वो प्रियम
छूकर तो देख दिल बहल जाएगा।
©पंकज प्रियम

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