बीज मुहब्बत
किसी उदास चेहरे को खिला
रोज तुम रोज डे मना लेना।
किसी बिछड़े को तुम मिला
बेशक़ प्रपोज़ डे मना लेना।
कभी भूखे को दो कौर खिला
फिर चॉकलेट डे तू मना लेना।
अनाथ बच्चे को खुशी दिला
टेडी बियर डे तुम मना लेना।
बूढ़े बाप को कभी गले लगा
बेशक़ हग डे तुम मना लेना।
खुद से वफ़ा का कर वादा
फिर प्रॉमिस डे तू कह लेना।।
जिसने तुझको है जन्म दिया
उस माँ का तू वंदन कर लेना
जिसने तुझको है धन्य किया
उस माटी का चन्दन कर लेना।
मना लेना फिर प्रणय दिवस
वेलेंटाइन जम के मना लेना।
रख के मर्यादा संस्कारों का
बीज मुहब्बत बिखरा देना।
है प्यार हमारा युग युग का
डे कल्चर का मोहताज़ नहीं।
रंग सजा लो चाहे जितना
बन सकता ये सरताज नहीं।
©पंकज प्रियम
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