Sunday, February 10, 2019

521.होली

देखो देखो आया रंगों का त्यौहार है।
चहुँ ओर बिखरी फूलों की बहार है।
राग द्वेष सब भूल जाएं
बस मस्ती में डूब जाएं।
आओ मिलकर डालें रंग
सद्भावना का पी लें भंग।
रंगों से सराबोर हो हर अंग
आओ मचाएं ऐसी हुड़दंग।
प्रेमभरी गलबहियों की दरकार है।
रसभरी रंगभरी खुशियों की फुहार है।
खुशियों की हमजोली है
सतरंगों की ये डोली है
रखो न कोई राज भारी
कह दो दिल की बात सारी।
क्योंकि ....जोगीरा...
बुरा न मानो होली है।
बुरा न मानो होली है।

✍पंकज भूषण पाठक"प्रियम्"
रंगभरी होली की हार्दिक शुभकामनाएं

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