Saturday, February 16, 2019

525. रणभूमि में रण

रणभूमि में रण होगा

ना निंदा ना कोई अब प्रण होगा
सीधे रणभूमि में अब रण होगा।
जर्रा-जर्रा थर्राएगा रे पाक तेरा
तुझसे युद्ध इतना भीषण होगा।

जवानों का जितना रक्त बहा है
हर कतरे का हिसाब देना होगा
तेरे नापाक इरादों का आतंकी
अब मुंहतोड़ जवाब देना होगा।

बहुत कर लिया अब बातचीत
निर्णय तो अंतिम करना होगा
दुश्मन के घर में सीधे घुसकर
नेस्तनाबूद अब करना होगा।

बोल रहा है भारत का जनगण
खौल रहा है रक्त का कणकण
फैसला तो अब इस क्षण होगा
बात नहीं कोई अब रण होगा।

©पंकज प्रियम
16/02/2019

No comments: