तिरंगा पाक में फहराना है
कहा था प्रतिकार करेंगे, हर सीमा को पार करेंगे।
पुलवामा का लेंगे बदला, घर में घुसकर वार करेंगे।।
किया पीठ पर तुमने हमला,हम सीने पे वार करेंगे।
दो टुकड़ों से बाज न आये, अब टुकड़े चार करेंगे।।
जब भी तुमने छेड़ा है, कब हमनें तुमको छोड़ा है।
हरदम हमने धूल चटाई, सर पे चढ़ सर फोड़ा है।।
कह कर हमने वार किया,घर में घुसकर मार दिया।
चालीस जवानों के बदले,सैकड़ों का संहार किया।।
शौर्य पराक्रम का देखो, फिर डंका हमने बजाया है।
रावण के गढ़ में चढ़ , फिर लंका हमने जलाया है।।
मिराज की जो मार दिखाई, यह तो केवल झाँकी है।
राफेल करेगा जो तांडव, वह पूरी पिक्चर बाकी है।।
सलाम है वीर जवानों को,अलबेलों को मस्तानों को।
जान हथेली पर रखकर, सीमा पे लड़ते दीवानों को।।
धधक रही है ज्वाला दिल में,लहू रगों में खौल रहा है।
मिटा दो पाक को नक्शे से,बच्चा-बच्चा बोल रहा है।।
सुन ले तू अब पाकिस्तान,बदल गया अब हिंदुस्तान।
पीठ पे जो तुम वार करोगे, चढ़ छाती ले लेंगे जान।।
बन्द करो तुम आतंकवाद, वरना कर देंगे हम बर्बाद।
अगर कश्मीर को छेड़ोगे, कब्जा लेंगे इस्लामाबाद।।
बहुत बनाया कफ़न तिरंगा, अब इसको लहराना है।
दुश्मन की छाती पे चढ़कर, पूरे पाक में फ़हराना है।।
©पंकज प्रियम
कहा था प्रतिकार करेंगे, हर सीमा को पार करेंगे।
पुलवामा का लेंगे बदला, घर में घुसकर वार करेंगे।।
किया पीठ पर तुमने हमला,हम सीने पे वार करेंगे।
दो टुकड़ों से बाज न आये, अब टुकड़े चार करेंगे।।
जब भी तुमने छेड़ा है, कब हमनें तुमको छोड़ा है।
हरदम हमने धूल चटाई, सर पे चढ़ सर फोड़ा है।।
कह कर हमने वार किया,घर में घुसकर मार दिया।
चालीस जवानों के बदले,सैकड़ों का संहार किया।।
शौर्य पराक्रम का देखो, फिर डंका हमने बजाया है।
रावण के गढ़ में चढ़ , फिर लंका हमने जलाया है।।
मिराज की जो मार दिखाई, यह तो केवल झाँकी है।
राफेल करेगा जो तांडव, वह पूरी पिक्चर बाकी है।।
सलाम है वीर जवानों को,अलबेलों को मस्तानों को।
जान हथेली पर रखकर, सीमा पे लड़ते दीवानों को।।
धधक रही है ज्वाला दिल में,लहू रगों में खौल रहा है।
मिटा दो पाक को नक्शे से,बच्चा-बच्चा बोल रहा है।।
सुन ले तू अब पाकिस्तान,बदल गया अब हिंदुस्तान।
पीठ पे जो तुम वार करोगे, चढ़ छाती ले लेंगे जान।।
बन्द करो तुम आतंकवाद, वरना कर देंगे हम बर्बाद।
अगर कश्मीर को छेड़ोगे, कब्जा लेंगे इस्लामाबाद।।
बहुत बनाया कफ़न तिरंगा, अब इसको लहराना है।
दुश्मन की छाती पे चढ़कर, पूरे पाक में फ़हराना है।।
©पंकज प्रियम
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