Monday, August 12, 2019

626.राम के वंशज

अगर राम नहीं तो फिर रामनवमी, दशहरा और दीवाली की छुट्टियां क्यूँ लेते हो साहेब?

राम का वंशज

सुनो सुनो, ऐ जज साहेब, करो न तुम ये बवाल यहाँ,
प्रभु राम के वंशज पर , उठा न तुम तो सवाल यहाँ।
राम की कण-कण ये धरती, राम नाम मिलती मुक्ति-
राम से ही अस्तित्व सभी का, रखना तुम ख़्याल यहाँ।

कोर्ट का चक्कर जब लगवाते, होता कब बवाल यहाँ,
तारीखों के घनचक्कर में, तुम रखते कब ख्याल यहाँ।
आतंकी की ख़ातिर कोर्ट को, आधी रात खुलवाते हो-
आस्था की जब बात है आती, करते क्यूँ सवाल यहाँ।

कण-कण राम का है वंशज, जन-मन में स्थान यहाँ,
राम कृपा से पावन धरती, राम वर्ण आसमान यहाँ।
सरयू की धारा भी कहती,   राम लला की वो कीर्ति-
अयोध्या के जनमानस पे, राम का ही गुणगान यहाँ।।

गंगा की अविरल धारा वो, लेती राम का नाम यहाँ,
भागीरथ की धरती पर, सबको राम से काम यहाँ।
राम नाम को जपकर ही, डाकू भी बाल्मीकि बना-
भरत नाम से भारत अपना, रघुकुल के राम यहाँ।।

सागर में दिखता है सेतु, किया था लंका पार यहाँ
प्रभुराम के रजकण से, हुआ अहल्या उद्धार यहाँ।
राम नाम तुलसी माला, गाँधी-कबीरा मुक्ति मिली-
राम नाम सत्य है कहकर, अंतिम का संस्कार यहाँ।।

रामजन्म की पावन भूमि, करती है फ़रियाद यहाँ,
यहीं राम ने खेला बचपन, आती है फिर याद यहाँ।
दुष्ट बाबर ने हमला कर, बनाया उसपे था मस्जिद-
बाबर की छाती पे चढ़ के, करो धाम आबाद यहाँ।।
©पंकज प्रियम
12 अगस्त 2019

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