Wednesday, August 14, 2019

627. तिरंगा

तिरंगा
1222 1222 1222 1222
तिरंगा हाथ में ले काफ़िला जब जब गुजरता है।
फड़क उठती भुजा मेरी रगों में ज्वार भरता है।

कदम को चूमती धरती, तिरंगा झूमता अम्बर,
तिरंगा आसमां फहरे, जमी से प्यार करता है।

तिरंगा आन भारत की, तिरंगा जान भारत की,
तिरंगा में हाथ में लेकर, खुशी से यार मरता है।

सदा ऊँचा रहे झण्डा, यही अरमान है सबका,
तिरंगा देख कर दुश्मन,  सभी गद्दार डरता है।

तिरंगा हाथ में होता, बड़ी हिम्मत प्रियम देता,
मिले जो दर्द सरहद पे, यही तत्काल हरता है।

©पंकज प्रियम
गिरिडीह, झारखंड

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