Saturday, August 24, 2019

631. राधेश्याम

श्याम कहो घनश्याम कहो तुम, कृष्ण मनोहर रास बिहारी।
नंद यहाँ अवतार लियो अरु,    गोकुल जा कर गोप मुरारी।
नाम अनेक पुराण कथा सब,  कृष्ण नचावत सृष्टि ये सारी।
कृष्ण हजार हृदय में विराजत, कृष्ण समाहित राधा प्यारी।।
©पंकज प्रियम

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