Monday, August 26, 2019

633.कम्बख़्त इश्क़

आसमां से गिरकर लटकना खजूर हो गया,
कमबख्त इश्क़ में दिल अपना चूर हो गया।
मेरे लिखे प्रेम-पत्रों को उसने जो रद्दी में बेच
अफ़साना इसकदर अपना मशहूर हो गया।।
©पंकज प्रियम

No comments: