Tuesday, January 30, 2018

देवताओं का प्रेम

प्रेम तो कान्हा ने भी किया
राधा संग खूब रास किया ।
राम की तो जान थी सिया
जिनके लिए क्या न किया।
इनका जन्मदिन मनता है
या विजय दिवस मनता है।

प्रेम के प्रतिमूर्ति कृष्ण की रासलीला जगजाहिर है। राधा के प्रति उनका अगाध प्रेम और राधा का भी निश्चल प्रेम की दुनिया मिसाल देती है। कृष्ण ने एक प्रेमी के रूप में राधा के साथ अटूट प्रेम किया तो द्वारिकाधीश के रूप में रुक्मिणी और सत्यभामा से भी अलौकिक प्रेम किया। राम और सीता तो एक दूसरे को समर्पित जीवन थे। जिनके बगैर उनके जीवन का कोई अस्तित्व ही नही था। लेकिन इनके प्रेम या व्याह की वर्षगाँठ नही मनती। कृष्ण और राधा का जन्म पर त्यौहार मानता है वही भगवान राम के अवतरण पर रामनवमी के पर्व मनाया जाता है। बाकी अन्य देवी देवताओं की पूजा त्यौहार अलग अलग मौकों पर मनायी जाती है।सभी देवताओं में शायद शिव और पार्वती के ही शादी की सालगिरह इतनी धूमधाम से मनती है। तुलसी विवाह भी मनाया जाता है लेकिन व्यापक पैमाने पर नही। पार्वती ने घनघोर तपस्या कर शिव को प्रसन्न किया तो उसे तीज के रूप में महिलाएं मनाती है और फिर दोनों की शादी के वर्षगाँठ के अवसर पर शिवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है। इस हिसाब से प्रेम के मामले में तो बम भोले सभी देवों में सबसे आगे निकल जाते हैं।
मेरी जानकारी बहुत अधिक नही बस दिल मे ख्याल आया तो लिख दिया। इस विषय पर आपसबों का बहुमूल्य ज्ञान अपेक्षित है

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