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मेरा नाम
मेरा नाम?????
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मेरा नाम किसी के जिक्र का मोहताज नही।
मेरी चाहत किसी के फिक्र का हमराज़ नही।
तो क्या हुआ उनकी लबों में हम आज नही।
खुली किताब है जिंदगी छुपा कोई राज नही।
वो बदल गए, ये उनकी फितरत थी।
कभी उनकी आंखों में मेरी ही सूरत थी।
कसक उठ जाती है देख बेरुखी अपनो की
कभी जो करते थे बातें संग हसीन सपनो की।
नए साल में अपना भी ऐसा काम होगा
हर जुबां पे बस मेरा ही मेरा नाम होगा।
नए वक्त का हर लम्हा हर क्षण यादगार होगा।
लबों पे हंसी दिल मे मुहब्बत बेशुमार होगा।
कल हमारा ही होगा क्या हुआ जो आज नही.
मुसाफिर हूँ इश्क का तेरे कदमों का मोहताज़ नही।
नववर्ष पर बस यूं ही निकले दिल के जज़्बात नही।
मेरा नाम किसी के जिक्र का मोहताज़ नही।
©...✍🏻🌷पंकज प्रियम🌹
01.01.2018.....00:50am
----सभी को नववर्ष की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाए
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