Tuesday, January 23, 2018

वीणा vs डीजे

कोई गाना गलत नही होता बस उसके उपयोग के समय का चयन सही होना चाहिए।
अगर कोई गाना हिट है तो उसके लेखक और संगीतकार की कला सिद्ध हो जाती है। हाँ सबके लिए समय और अवसर तय है जहां इसकी सार्थकता सिद्ध हो। शादी व्याह पार्टी में सब चलता है लेकिन सरस्वती और दुर्गा पूजा जैसे मौकों पर ये उचित नही। आपकी आज़ादी वहां तक है जहाँ आपकी हाथ किसी की नाक को न छुए।

वीणा vs DJ
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मां शारदे कहां तू
         बीणा बजा रही है
किस धुन में देखो डीजे
        सबको नचा रही है
भक्ति में तेरी डीजे
    क्या धुन सजा रही है।
लपालप कमर हिलाके
       जिला हिला रही है।
राती दिया बुझाके
    पिया क्या गा रही है।
तेरी पूजा में देखो
     कैसी हुड़दंग मचा रही है।
कैसे बजे है डीजे
           सबको सता रही है।
कैसे अश्लील गाने
          सबको रुला रही है।
हे माँ! अब तू सुनले
जरा इनको तू धुन ले
तेरी भक्ति में फिर
न ऐसी गलती कर ले।
हैं सब तुम्हारे ही बच्चे
मन के हैं थोड़े कच्चे
पर दिल के भोले सच्चे
इनको तू माफ करना
बस थोड़ा ज्ञान भर दे
वीणावादिनी तू वर दे
बुद्धि दे तू इनको
तेरी भक्ति में जो
    अश्लीलता सजा रही है
मां शारदे कहां तू
        वीणा बजा रही है।
©पंकज भूषण पाठक "प्रियम"
    23.1.2018

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