Tuesday, May 12, 2020

833.वीर जवान

मुक्तक
मात्रा भार 30
जान हथेली पे रखकर के, जो करते देश की हैं रक्षा।
सच्चे वीर सिपाही हैं वो, दिल होता इनका है सच्चा।
नहीं मौत से घबराते, नहीं किसी से हैं वो डरते,
लिपटे धरती भारत के, जैसे माँ गोदी में बच्चा।।

©पंकज प्रियम

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