○तम्बाकू
अगर जीना तुम्हे जीवन, अभी छोड़ो ये तम्बाकू,
अगर मरना तुम्हें इस क्षण, नहीं छोड़ो ये तम्बाकू।
नहीं सिगरेट, न पी बीड़ी, नहीं खाओ कभी खैनी-
जहर सब मौत के साधन, नज़र मोड़ो ये तम्बाकू।।
अभी संकल्प तुम कर लो, नहीं खाना न तम्बाकू,
अगर जीवन तुम्हें प्यारी, कभी पीना न तम्बाकू।
नहीं गुटखा , नहीं जर्दा, नहीं गांजा, नहीं कुछ भी
नशा इस रोग को घर में, कभी न लाना न तम्बाकू।।
©पंकज प्रियम
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