Sunday, May 3, 2020

824 किरदार

क़िरदार
लिखूंगा तो कहोगे,  क्यूँ यही हरबार लिखता है,
जो दिखता है जमाने में वही अख़बार लिखता है।
फिज़ाओ में जरा देखो ज़हर किसने अभी घोला-
प्रियम यूँ ही नहीं सबका सही किरदार लिखता है।।
©पंकज प्रियम

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