मुंह मीठा हो जाय
कहते हैं शुरुआत में
मुंह मीठा हो जाय
इश्क़ में थोड़ा खट्टा
कुछ मीठा हो जाय।
पहली मुलाकात में
मुहब्बत की बात में
चांदनी सी रात में
हर पल मीठा हो जाय।
प्यार भरे एहसास में
बैठ एकपल तू पास में
जी लूं जो तेरे सांस में
मौत भी मीठा हो जाय।
बन्द आंखों में दिल से
सारी वो बात हो जाय
खुले अधरों का लब से
एक मुलाकात हो जाय।
सुर्ख महकते गुलाब से
इश्क़ के हर जवाब से
छलकते मय होठो से
ही मुंह मीठा हो जाय।
चाहत से भरी प्यास
चॉकलेट सी मिठास
लिए तेरे अधरों से ही
मुंह मीठा हो जाय।
इश्क़ में थोड़ा खट्टा
कुछ मीठा हो जाय।
© पंकज भूषण पाठक"प्रियम"
कहते हैं शुरुआत में
मुंह मीठा हो जाय
इश्क़ में थोड़ा खट्टा
कुछ मीठा हो जाय।
पहली मुलाकात में
मुहब्बत की बात में
चांदनी सी रात में
हर पल मीठा हो जाय।
प्यार भरे एहसास में
बैठ एकपल तू पास में
जी लूं जो तेरे सांस में
मौत भी मीठा हो जाय।
बन्द आंखों में दिल से
सारी वो बात हो जाय
खुले अधरों का लब से
एक मुलाकात हो जाय।
सुर्ख महकते गुलाब से
इश्क़ के हर जवाब से
छलकते मय होठो से
ही मुंह मीठा हो जाय।
चाहत से भरी प्यास
चॉकलेट सी मिठास
लिए तेरे अधरों से ही
मुंह मीठा हो जाय।
इश्क़ में थोड़ा खट्टा
कुछ मीठा हो जाय।
© पंकज भूषण पाठक"प्रियम"
No comments:
Post a Comment